वैसे तो नारी होना ही बहुत कठिन है,
लेकिन उससे भी कठिन है भारत में नारी होना।
जहांँ हर बुरे समय के लिए औरतों को कोसा जाए,
जहांँ उनका पैदा होना ही अभिशाप समझा जाए,
जहांँ उनको उनकी मर्ज़ी से जीने भी ना दिया जाए,
जहांँ पुरुष समाज उनको हर पल घूरता ही जाए,
ऐसे में बेटी, बीवी, बहू और मांँ जैसे रिश्ते निभाना,
निभाना ही नहीं, कई जिंदगियांँ सवार देना,
एक अचंभा ही है ऐसा कुछ कर गुजरना,
सच में बहुत कठिन है भारत में नारी होना।
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