QUOTES ON #WOMANSAFETY

#womansafety quotes

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19 JAN 2020 AT 17:31

यूंही नहीं होता सन्नाटा कुछ चेहरों में
बर्षो के सपने एक पल में टूटा करते है..

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16 SEP 2020 AT 23:32

किसी का चेहरा जला है,किसी का पूरा शरीर।
कहीं लोग मिल कर शोषण करते है और फिर छोटे
कपड़ों के नाम पर करते जलील।।

इस कलयुग में कलि की ना जाने कैसी हवा चली है।
क्या नहीं देख पाते कि उस औरत के
रूप में माँ दुर्गा खड़ी है।।

बेटी होने से पहले ही
स्त्री भ्रूणहत्या कर देते है।
और अगर अन्य स्त्री
पढ़ कर कुछ बन जाए
तो उसकी चरित्र पर सवाल करते है।।

क्या कभी स्त्री को
वो सम्मान
मिलेगा जिसकी वो हकदार है।
यह आज भी लोग कहेंगे की
स्त्री अभिशाप है।!

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31 MAR 2020 AT 16:33

कभी गुनगुनाती थी स्त्री खुशहाली की छाया में
आज बेच दिया है उसे किश्मत ने बाजार की माया में
ज़हर को अमृत बता कर स्त्री को पिलाया
घोट दिया था गला उसका बलात्कार का मैल चढ़ाया
जाग उठी है वो स्त्री जिसे हैवानियत ने खाक बनाया
अहंकार की दुनिया ने उसे बहुत है सुलगाया
धधक उठी है आग वो अब कोहराम मचाएगी
कहां छीपेगा अब अपराधी खुद हथियार उठाएगी
बहुत किया था वार सबने न्यायालय के दरवाजों में
क्यो ठहर गए थे हाथ जब सच खड़ा था आँखों में
देखो न्यायालय की जंजीरों में हर एक कानून मिलेगा
यहां बलात्कारियों का भी एक रक्षक दिखेगा
अगर दोष देते हो स्त्री की काया को
तो क्यों कुचल दिया था एक बच्ची की छाया को
नहीं उठाई थी आवाज कभी अब वो ललकार लगाएगी
कहां छीपेगा अब अपराधी खुद हथियार उठाएगी
खुद्दारी की दुनिया ने क्यों रौंदा था उसको
जब चीख रही थी वो स्त्री तो क्यो आँखें झुकाई थी
नहीं मिलेगा न्याय तो अब नारे लगाते है
क्यों खौफ नहीं है उन आँखों में जो जहर पिलाते हैं
क्यों झूम रहें वो शैतां जो स्त्री का दाम लगाते है
क्यों पैदा हुई स्त्री बनकर हमें दोष भी अपने देते है
बहुत देखा लिया खौफ को अब सह नहीं पाएगी
कहां छीपेगा अब अपराधी खुद हथियार उठाएगी ।

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30 NOV 2019 AT 14:24

Aur Kitna giroge Khud ko Uthane k liye Mardo ke samaj me,
insaniyt bachi hi kaha bs haiwaniyat hai dikhti tumhari har ek bat me,
sadko se ghar tk ghurti hain najre chahe rho kisi v libas me,
isse jyada mehfuj payenge hum khud ko janglo me ,Janwaro ke sath me,.

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बस सहती रहेगी
नही कहेगी, नहीं मानेगी
ये जख्म क्यों औऱ किसने दिया
आंखे भर आएंगी पर छलकने ना देगी
सवाल को तुम्हारे सवाल ही रहने देगी
और जख्मों पर वो अपने
मुस्कुराहट के अभिनय से फिर पर्दा कर लेगी

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18 JUL 2019 AT 21:33

आज फिर अंधेर गलियारे में
इक आबरु लुटि थी,
आज फिर कोई मासूम "निर्भया" बनी थी।

फिर गूंज उठे राजनीतिक गलियारे
आया "कैंडल मार्च" का सैलाब,
और इंसाफ की लड़ाई को मिले कई किनारे।

देर से ही सही आरोपियों को हथकड़ी से जोड़ दिया, पर हमेशा की तरह
कुछ को उम्रकैद हुई,
कुछ को बालसुधार गृह छोड़ दिया।

पर कानून तो अंधा था,
फिर गंदे इरादों को वजह मिली थी,
आज फिर कोई मासूम "निर्भया" बनी थी।

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23 MAR 2018 AT 19:44

Safety of woman is at stake
because of
lack of maturity and sensitivity of man.

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28 JUN 2019 AT 13:36

I just want to be close to someone from far.
The urge to hold someone near to buy myself
few moments of comfort died when someone
held me wrongfully, without my permission that Winter.
I don't run to get closer to someone when I am scared now.
I am scared to be close to someone.

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15 MAY 2021 AT 19:36

"Naari ka samman"

Nibhati hai wo kitne kirdaar
Darshati viswaroop jo,
Tahe dil se karta hun naman
Naari ke har swaroop ko.

Atit mein sahe kitne dukh
Biti kitni sadiyan hain,
Uss naari ke samman mein
Aj bhi kitni kamiyan hain.

Roop hain uske kayi saare
Dil se wo udaar hai,
Mushibat aye jab apnon pe
Kar sakti wo sanghar hai.

Shak na karo Kabiliyat pe uski
Humko nahin anumaan hai,
Kadam se kadam mila ke chale
Desh ka wo swabhimaan hai.

Darja uska iss jahan mein
Sabse kayi zyada hai,
Saath deke khush rakhne ka
Karna usse ab waada hai.

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16 OCT 2020 AT 0:02

औरतों का "सम्मान" नहीं औरतों को "समान" करने की आवश्यकता है।।
#genderequality

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