आखरी बार बात हुई, दोबारा मिलने की ना कोई बात हुई,
न संभलने का वादा हुआ, जलकर सारी बातें राख हुई।
पहली उससे मुलाकात हुई, आंखों से बरसात हुई,
न साथ रहने का वादा हुआ, न हाथ थामने की बात हुई।
मन चंचल है मेरा, ख्वाब हर वक्त देख लेता है,
वहम है या सच, उसका न होना ही है कशमकश।
आसमां को जमीन से, मोहब्बत कैसे ना होती,
सोचो जरा बारिश की बूंद, ज़मीं पर ना गिरती।
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