गुजरते लम्हों में सदियाँ तलाश करता हूँ, प्यास इतनी है कि नदियाँ तलाश करता हूँ। यहां पर लोग गिनाते हैं खूबियाँ अपनी, मैं अपने आप में कमियाँ तलाश करता हूँ।।
इस दुनिया में हंसना क्या ओर रोना क्या तेरा मेरे पास रहना क्या ओर मुझसे जुदा होना क्या ये दिल हैं मेरा जिससे तूं खेल रही हैं तूने समझ लिया इसे भी खिलोना क्या
ऐ खुदा तू मेरे साथ ही ऐसा क्यों कर रहा है... मेरा हर ख़्वाब टूटकर बिखर रहा हैं... मैं नया ख्वाब सज़ा रहा हूं आंखों में... सुना है तू उसे भी तोड़ने की तैयारी कर रहा है
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