QUOTES ON #VINEETVICKY

#vineetvicky quotes

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18 FEB 2019 AT 16:45

मुसाफ़िर मैं बेपरवाह,
धूप, छाँव, मंज़िल,
से नहीं वास्ता.

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2 APR 2019 AT 22:16

ये जो दूरियाँ हैं,
ये जो मजबूरियाँ हैं,
ये जो खामोशियाँ है,
ये जो तन्हाईयाँ हैं|
इक सितारा है,
जो जान से प्यारा है,
ख़ूबसूरत नजारा है,
न समझूं क्या इशारा है|
कहने को मेरा है,
फरेब सुनहरा है,
आँखों में उसी का पहरा है,
ये ज़ख्म बहुत गहरा है|
छायी काली बदलियाँ हैं,
अजीब परिस्थितियां हैं,
जरूरी नहीं ये दूरियाँ हैं,
जो हमारे दरमियाँ हैं ||

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25 MAR 2019 AT 13:17

"वो इक झलक"

उत्सव था उस पल में,
मोक्ष की प्राप्ति थी,
'वो इक झलक' ही तो थी,
जो इतनी पवित्र, इतनी निश्छल, इतनी सात्विक थी|

स्मरण करूँ उसे बार-बार,
दर्पण में भी वो ही दिखे हर बार,
मैं छोड़ कर घर-बार और व्यापार,
'वो इक झलक' का ही कर रहा हूँ दीदार|

साक्षात तुम खड़ी थी कुछ दूर मुझसे,
मीमांसा तुम्हारी लग रही थी गले मुझसे,
आलिंगन में हमारे साये समाए थे,
'वो इक झलक' लिए तुम रेगिस्तान में पानी की बूंद से आए थे|

निःसंकोच हो, मैं तुम्हारी सौंदर्यता में डूब चुका था,
लावण्य देख तुम्हारी, मैं खुद को ही भूल चुका था,
उत्कर्ष इसका मैंने बस इतना निकाल लिया,
'वो इक झलक' को अलौकिक मैंने मान लिया|

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18 FEB 2019 AT 20:26

मगरूर हो गुरूर में,
क्यूँ चूर हो इस सुरूर में.
वक़्त है कम्बखत बदलेगा,
उस दिन एक पल भी न देगा.
किस उलझन में उलझे हो,
आओ बात कर सुलझाते हैं.
बेतुकी लगती ये दूरियाँ हैं,
इन दूरियों को आओ मिटाते हैं.
कुछ दुखती बातें ही तो हैं,
चलो न भूल जाते हैं.

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26 FEB 2019 AT 18:20

अंजान सी डगर,
एक लंबा सफर,
जाने कितने मोड़ हैं,
हर मोड़ पर एक नया हमसफर.

हमसफर ज़िन्दगी का,
मगर चलता संग कुछ दूर तक,
दे जाता यादें जीने को,
मरते दम तक जो करती आँखों में बसर.

आँखे जो भूल ना पाती,
कभी मुस्कुराती, कभी आँसू बहाती,
हर रोज़ एक नयी सुबह संग उठ जाती,
रात का मगर विरान ही रहता मंज़र.

मंज़र हर दिल का हिज्र के पलों से गुज़रा है,
टूटा हुआ हर शख़्स है, मगर ज़िंदा है,
कुछ लोग मिले थे राहों में,
उन राहों में अब बस चुनिंदा परिंदों का बसेरा है.

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17 FEB 2019 AT 13:29

अभी बहुत दूर चलना है मुझको,
जो मेरी सोच तुम न समझ सको,
तो कोई बात नहीं,
मगर तुम्हें समझाने को, न रुकना है मुझको,
अभी बहुत दूर चलना है मुझको.

तुम्हारे ख़यालों की दास्ताँ,
मुझसे मिलती ही नहीं,
मिलना वैसे जरूरी भी नहीं,
तो अपने ख़यालों के संग बढ़ना है मुझको,
अभी बहुत दूर चलना है मुझको.

चेतना मेरी जागी है,
कुछ कर मुझे दिखाना है,
अकेला हूँ तो अकेला सही,
तुम्हारी तरह भीड़ नहीं बनना है मुझको,
अभी बहुत दूर चलना है मुझको.

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20 FEB 2019 AT 20:29

वो जो खूबसूरत से जज़्बात तुम्हें पन्नों में दिए थे,
क्या सच में उन पन्नों को जला दोगे?

एक-एक लम्हा जो संग बिताया हमने,
क्या अकेले में भी, उन्हे बेगैरत बता दोगे?

वो जो मांग में उस पल सिंदूर लगवाया था मुझसे तुमने,
क्या उस पल की भी मर्यादा गिरा दोगे?

अनगिनीत वादे जो हमने किए थे बाहों में लेटे-लेटे,
क्या हर वादे को तुम अब झूठा बतला दोगे?

वो करवा-चौथ की रात जब दूर हो भी साथ में निवाला लिया था,
क्या उस रात को भी अब बेबुनियाद बता दोगे?

मेरे सवालों का अंत नहीं है,
न मुझे जवाब चाहिए और न तुम दोगे,
पर फिर भी, क्या सच में मुझे भुला दोगे?
क्या सच में मुझे भुला दोगे?

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4 APR 2019 AT 23:22

अब न वो राह रही, न वो नाता,
तुम भूल गई और मुझे भूलना नहीं आता|

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10 MAR 2019 AT 23:16

तुम प्यार बन, मुझे आशिक़ बनाओगे,
रफ्ता-रफ्ता मेरा ज़ुनून बन जाओगे,
फिर हर कहानी के सार की तरह,
आशिक़ को यादों संग तन्हा छोड़ जाओगे..

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15 DEC 2018 AT 15:53

"फरिश्ते"

||कुछ लोग फरिश्ते बन जिन्दगी में आते हैं
हैवान बना छोड़ जाते हैं||

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