QUOTES ON #VIKAS_AGRAWAL_VESTIGE

#vikas_agrawal_vestige quotes

Trending | Latest
23 DEC 2018 AT 20:38

लिखना एक आदत है इसे आदत ही रहने दो ..
दिल की ही बात है इसे यूं अपनों से कहने दो !!

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4 OCT 2019 AT 16:00

चाहत ही हैं जो हद से बाहर जाती हैं,
मज़िल हो कितनी भी दूर ये
बात हौसले वालों की समझ में कहाँ आती हैं...

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1 SEP 2019 AT 6:32

"" माहौल ""
सोचने समझने की क्षमता में असीमित परिवर्तन लाने का काम कर देता है "माहौल"
जिंदगी को जीने की अटल इच्छाशक्ति को भी मजबूत करने का ही नाम है "माहौल"

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11 JUN 2020 AT 8:37

दिल करता है लिखूँ !
हर एक कहानी तेरे नाम की!!
जो कुछ लिखूँ और तेरे दिल को ना चिर दे।
मेरी वो गजल किस काम(नाम) की

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27 SEP 2019 AT 11:17

ख़ामोशी ही अच्छी हमेशा से,
मगर लोगों की समझ कब आता हैं..!!
जब चुभने लगे बातें लोगों की
खुशमिजाज श़ख्स भी ख़ामोश नज़र बना जाता हैं...!!

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24 DEC 2018 AT 3:25

"" बलात्कार - घिनोनी सोच ""
किसी की बेटी, जब तेरी नज़र में सिर्फ लड़की दिखी तो वो तेरे लिए खिलोना हो गई ...
ऐसे कैसे तेरी सोच इतनी घिनोनी हो गई, कि तुझे लगा
आज के लिए तो यह मेरी जागीर हो गई ...
सिर से पांव तक के कपड़े पहनी लड़की भी तेरे बेशर्म
ख्यालों में बिन कपड़े हो गई ...
जिस चीख - पुकार से दहल उठे इंसान, उसकी वो ही
चीखें तेरे कानों के लिए गूंगी जुबां वाली गुड़िया हो गई ...
जिस मां ने जन्म दिया, वो भी तो बेटी है तो
अपनी मां के लाल तेरी सोच क्यों इतनी छोटी हो गई ...
एक लड़की को जब तक मां, बहन, बेटी नहीं मानोगे,
समझो खुद के समाज की संस्कृति असुरक्षित हो गई !!!

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24 MAY 2019 AT 11:26

भुलक्क्ड़ बहना तुम भूल गई हो क्या???
आज brothers day है!😎😎😎
😝😝😝😝
#brothersday

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19 DEC 2018 AT 15:28

ऐसे बात बात पर गुस्सा करना अच्छा है
मगर कोई मनाने वाला होना चाहिए ।
हमेशा हंसते मुस्कुराते रहना अच्छा है
मगर कभी कभी रूठने का मौका नहीं
छोड़ना चाहिए ।।

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5 DEC 2018 AT 1:39

ओ री छोरी सपना, बंद आंखों में तेरा चेहरा , खुली आंखों के सामने हो तुम ...
इतनी तो कशिश है तेरी, फिर भी कहते हो क्यों मुझसे, प्यार नहीं करते हो तुम ...
ख़ुशबू तेरे तन की मेरी सांसों में है, अपने स्पर्श के अहसास लिए मुझे बांहों में भर लो तुम ...
नाराज़ हो, होती रहना उम्र भर, हक़ है तेरा, आज और अभी मिलन का मौसम है, मुझे प्यार से प्यार कर लो तुम 😘
Thank you My Dear Wife

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17 DEC 2018 AT 20:26

लीग से हटकर चले तभी तो, कुछ अपना नाम बना ..
कहीं बरबाद भी हुए, पर कुछ तो अपना काम बना ..
राह बनाई खुद अपनी तभी तो, कुछ अपना सम्मान बढ़ा ..
अकेले निकले, पर अब कारवां भी अपने साथ चलने लगा ..
चलना शुरू किया भले अकेले, रहे अडिग अपने विश्वास पर, देखा जब सबने आश्चर्य से पूछा, कैसे विकास एकला चला ?
काम का किया ठोस निश्चय तभी तो, साथ में दो क्या हजारों का दल एक साथ बढ़ता चला !!

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