हर लम्हा तेरी याद का सजाए रखा हूं
हर लम्हा खुद को नशे में डूबाए रखा हूं
कभी फुर्सत मिले तो आकर देख लेना
तेरे दिए फूल किताबों में मुरझाए रखा हूं
विश्वास ना उठ जाए मोहब्बत से लोगों का
इसलिए दुनिया से खुद को छुपाए रखा हूं
इश्क में सब कुछ हार बैठा हूं और उफ तक ना किया
कुछ इस कदर टूटे दिल को समझाएं रखा हूं
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जिस पर भरोसा था उसी में साथ छोड़ दिया
एक गलती से सबको आजमाए रखा हूं
सबके चेहरे से नकाब उतरेंगे आज की महफिल में
;शिवम; की पार्टी में हर शख्सियत को बुलाए रखा हूं
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