My Thought
मातृभूमि के रखवालो को तुम अपना शीश झुका देना,
हँसते हँसते सिर कटवा दे, ऐसा गीत सुना देना,
मानवता से आगे बढ़कर बस तुम कदम उठा देना,
सरहद पार भी तुम यारों,हिंदुस्तान बसा देना,
सरहद पार भी तुम यारों,हिंदुस्तान बसा देना।
याद करके कुर्बानी ना पलके यू ही भिगों देना,
मिल कर शहीदों के हत्यारों को खून के आँसू रुला देना।
बदले की ही आग में तिल-तिल सब जला देना,
ख़ाक़ करके कायरों को, त्राहिमाम मचा देना।
सरहद पार भी तुम यारों,हिंदुस्तान बसा देना,
सरहद पार भी तुम यारों,हिंदुस्तान बसा देना।
आत्मसम्मानो की कुछ,ऐसी ज्वाला जला देना,
जन जन धधक उठें जिससे,तुम ऐसी आँधी चला देना,
आये ग़र जो कुछ पापी,तुम टुकड़े टुकड़े कर देना,
छल्ली छल्ली करके उनको रक्तधारा बहा देना,
बहुत हुआ अमन चैन का संदेश अब,उनकी औकात दिखा देना,
इस धरती इस जहां से उनका नामोनिशान मिटा देना।
सरहद पार भी तुम यारों,हिंदुस्तान बसा देना,
सरहद पार भी तुम यारों,हिंदुस्तान बसा देना।
#Bharat_mata_ki_jay...
#vande_mataram...
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