प्यार किसे कहते हैं हाँ, किसे प्यार कहते हैं॰॰॰
जब बिटिया के हाथ माथ पे, थपकी दे हौले हौले।
मीठी मीठी हँसी ठठोली, अन्तर्मन में अमृत घोले॥
जब दो नन्हे हाथ वो प्यारे, गले हार बनते हैं॰॰॰
प्यार इसे ही कहते हैं, हाँ इसे प्यार कहते हैं॰॰॰
पत्नी चाय देने से पहले, जब चुपके से चख ले।
मीठापन दे कर पति, कड़वापन पास में रख ले॥
इक दूजे की ख़ुशी को दोनों दुख अपार सहते हैं॰॰॰
प्यार इसे ही कहते हैं, हाँ इसे प्यार कहते हैं॰॰॰
माँ बाबा बच्चों के लिए छाँटे, सबसे अच्छे निवाले।
मक्खन मलाई बच्चों को, खुद, रूखी रोटी खा ले॥
बच्चों ख़ातिर वो हर मौसम की मार सहते हैं॰॰॰
प्यार इसे ही कहते हैं, हाँ इसे प्यार कहते हैं॰॰॰
भाई बहन रखते हैं रिश्ता, रासि जब जज़्बात से।
सुख- दुख हर हालात से, हर पल हर लम्हात से॥
देह से दूर पर मन से पास परिऽवार रहते हैं।
प्यार इसे ही कहते हैं, हाँ इसे प्यार कहते हैं।
जब मित्र फिसलन भरी राहों पे, तेरा हाथ पकड़ ले।
घंटों साथ बिताए संग जब, तन्हाई तुम्हें जकड़ ले॥
सही ग़लत हाल में भी संग,चार यार रहते हैं॰॰॰
प्यार इसे ही कहते हैं, हाँ इसे प्यार कहते हैं॰॰॰
✍🏻@raj__sri
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