Anu Chhangani 9 NOV 2017 AT 14:40 इश्क़ के बाजार में फ़िर से बेआबरू होना चाहती हूँ,इक दफ़ा फ़िर मोहब्बत की परवाज़ से मेरे आसमाँ को भरना चाहती हूँ !! - Asad Akbarabadi 20 OCT 2017 AT 23:17 नीलाम हुआ था मैं क्योंकि किसी के नाम का नहीं था,बिक रहा था मैं क्योंकि किसी के काम का नहीं था। - Asad Akbarabadi 15 NOV 2017 AT 8:35 एक नाम जो किसी और ने दिया उसे बनाने में लगे हैं सब,आख़िर अपना है ही क्या जिसे बचाने में लगें हैं सब। - Asad Akbarabadi 21 NOV 2017 AT 21:43 धर्मों के नाम पे कुकर्म कर, इंसानियत को ना लांघा करो,ऊपरवाले से सिर्फ बेटा ही नहीं, बेटी को भी मांगा करो। - Asad Akbarabadi 2 JAN 2018 AT 16:38 अपनी गलतियों पे बड़ा फक्र है मुझेअब सीखने को कमी, कभी नहीं होती... - Asad Akbarabadi 20 DEC 2017 AT 19:15 जल्दी आगे बढ़ना चाहता हूँ इसलिए रुक कर चलता हूँसर उठा कर जीना चाहता हूँ इसलिए झुक कर चलता हूँ - Asad Akbarabadi 17 DEC 2017 AT 20:53 ऐ ख़ालिक, तरक़ीबों की तकनीकीयों पर थोड़ा गौर करइन दो चार ज़ुल्मों से मैं नहीं मरने वाला, थोड़ा और कर - Anuup Kamal Agrawal 9 NOV 2017 AT 21:02 गले लग के तुझसे रोना चाहता हूँएक बार तेरा होना चाहता हूँ - Asad Akbarabadi 16 NOV 2017 AT 20:44 काम तो बहुत आते हैं मगर मुझे बेकार ही रहने दे,मरीज़-ए-इश्क हूँ मैं तेरा मुझे बीमार ही रहने दे। - Asad Akbarabadi 13 NOV 2017 AT 11:19 यूँ ना गुरूर कर अपने नूर-ऐ-हुस्न पर,मैंने सफेद ताजमहल को भी पीला पड़ते देखा है। -