लाख दर्द हों दिल में, चेहरे पर मुस्कान रखती हूँ, हर गम छोड़ जिन्दगी के, रवैया बिन्दाश रखती हूँ, मारकर दिल जीना, मुमकिन नहीं मेरे लिये, खुश रहकर खुशियाँ अपनों के साथ रखती हूँ।
हुश्न-ए-मंजर कोई ख्वाब इप्तदा नहीं करता, नुमाइश वाक्या की कोई गवाह नहीं करता, दिल यूं ही हर हाल में मुझे बहला सा देता है, हर रोज हाल-ए-दिल चेहरा बयां नहीं करता।
मित्र उतने ही बनाओ जितने को reply दे सको, यारों की भीड़ इकट्ठा कर contact list इतना मत बढ़ा लो, की बाद में बात तो दूर उनका हाल - चाल लेना का भी time ना हो, Limit में दोस्त बनाओ और जीवन भर साथ देने का साहस रखो।