लफ़्ज़ों का उलूम, कलम के बादशाह हैं यें
सादगी से भरा लहजा, आँखों में चमक,
बेहतरीन शख्सियत, इल्म-ओ-अदब के तालिबा हैं यें,
संजीदा खामोशी, राहतों के आगाज हैं ,
वफ़ाओ की इब्तिदा इन्हीं से है,
हुस्न-ए-अल्फाज की इन्तहा इन्हीं से है,
गुलाबो सी महक है इनकी बातों में,
वफ़ा-ए-अमल बा वकार है,
चांद तारे ये दुनिया के खूबसूरत नजारे भी
इन्हें देख एहतिमाल में बैठ जाते हैं,
सिफ़ात जो बयां करूँ इनकी तो कई अर्से गुज़र जाने हैं,
मशहूर-ओ-मा'रूफ हैं यें इस क़दर खुश ख्याली में,
राज़-ए-हुस्न ज़रा कोई पूछे इनसे,
बेहिसाब सादगी, पुर सुकून लहजे की वजाहियाते,
इमान के महबूब तरीन बन्दे हैं ,
हुस्न-ओ-इखलाक के पाबंद हैं,
बा कमाल ज़र्फ़ इख़्तियार करते हैं,
बड़ी मासूमियत से अफ़्सुर्दगी का भी इंकार करते हैं,
महज़ इनकी मुस्कुराहट पे ये क़ायनात फ़िदा है
हसीन ख़ुश मिजाजी से सबके दिलों में राज़ करते हैं!
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