प्यार का जो इज़हार,तूने किया मुझसे तो...
रुकी धड़कन और साँस ठहर गई।
एक हँसी ख्वाब सा,लगा तेरा इज़हार ....
करने में यकीं पूरी रात गुज़र गई।
नींद तो फरार हुई,मैं भी बेकरार हुई ....
मुझे भी नहीं पता के,मैं तो किधर गई।
मेरी मुस्कान का,तू ही बना कारण है...
सच कहूँ पाके तुझे,मैं तो सवर गई।।
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