QUOTES ON #UNMUKT

#unmukt quotes

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15 FEB 2021 AT 20:04

तुम कोशिश कर लो लाख मगर...
हम प्रेम दीवाने ही रहेंगे...
तुम रहो लाज की बंधन में...
हम प्रेम-गगन में उन्मुक्त उड़ेंगे...

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11 FEB 2018 AT 10:11

वो मेरे ख्यालों में इतनी सुंदर थी,
की सपने में सपने सा एहसास होता था।

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11 FEB 2018 AT 11:24

वो मेरे ख्यालो में इतना करीब था
कि हकीकत मे भी साथ नजर आता था

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29 MAR 2019 AT 23:23

उन्मुक्त
बिखरे - से
बंदिशों से सदैव विपरीत ;

बेहद सुलझे
कभी उलझन से भरे ;

मेरे खुले केश
मेरा "पर्याय" है ।।

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23 OCT 2020 AT 13:19

है क्या ये प्रेम
बंधन नही है फिर बंधना क्यों चाहते हो..
प्रेम में उन्मुक्त क्यों नही पसंद...

है क्या ये प्रेम
सात भरे ही क्यों चाहिए...
प्रेम में केवल प्रेम क्यों नहीं पसन्द.?




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26 JUN 2020 AT 13:19

उन्मुक्त गगन के परिंदे हैं
आसमान में उड़ना चाहते है
क्यो डोर पकड कर बैठे हो
हम खुशिया ढूढना चाहते है
मन करे आसमान में उड़ जाऊ
मन करे जमीन पर घर बनाऊ
क्यो कठपुतली बना रखा है हमको
हम डोर सम्भालना चाहते हैं
चार दीवारी में कैद पंछी को
आसमान में उड़ाना चाहते है
ये दुनिया है या है पथरीली दीवार
यहाँ लोग डर का व्यापार चलाना चाहते है
क्यो दुसरो की दुनिया मे उंगली करते हो
हम बेझिझक दिल से जीना चाहते हैं
ये जीवन है जहाँ पैसो से सबकुछ तोला जाता है
ये व्यापार भरी जिंदगी में
रिश्तों को भी पैसो से मोला जाता है
क्यो पैसों की अहमियत सिखाते हो
हम खुशियो में जीना चाहते हैं
उन्मुक्त गगन के पँछी हैं
आसमान में उड़ना चाहते है।

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15 JUL 2018 AT 10:52

गली में आज भी भरता है बरसात का पानी लेकिन,
अदना सी काग़ज़ की नाव की सोच अब बेमानी है।

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17 MAY 2022 AT 11:24

सम्हाल के रखना इन नाज़ुक से रिश्तों को

रेत अक्सर हाथों से फिसल जाया करती है

भरत सोनी "उन्मुक्त"

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17 MAR 2020 AT 8:25

मैं खुद में स्थिरता चाहती हूं
मैं अब उन्मुक्त होना चाहती हूं
सहन शक्ति की पीड़ा से भर गई
अब लक्ष्मी दुर्गा काली होना चाहती हूं
निश्चित ही ईश्वर मुझमें भी है
मैं बस उनके बस में होना चाहती हूं
खुद का सॄजन करना था मुझे भी
मिट्टी होकर मिट्टी में मिलना चाहती हूं
इन वेगो से कहीं आगे निकल कर
बस निश्छल सी प्रकॄति की तरह ही
भक्ति में रह कर पावन होना चाहती हूं
सच कहूं तो‌ बस मात्र स्त्री होना चाहती हूं

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3 OCT 2020 AT 10:45

ज़िन्दगी कुछ सितम कम कर
या फिर मुझे ही खत्म कर

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