कुछ लम्हें की यादों से,
बातें बिगड़ी बातों से
मेरी एक तस्वीर गिरी,
मेहंदी वाले हाथों से
आँसू बनकर शे’र गिरे,
इक लड़की की आँखों से
चाँद है कितना बेवफ़ा,
पूछो तनहा रातों से
सीखा मैंने भरोसा करना,
उसके झूठे वादों से
जाने किसकी चीख़ सुनी,
अब डरता हूँ बारातों से
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