कवयित्री राहिनी 6 AUG 2021 AT 12:00 मैं अपना,लहंगा,संभालूँ !कि इनको,सवारूँ !उफ़्फ़ ये,ठाकुर साहब,इनसे न कुछ,न संभाला,जाता है !! - "अपूर्ण" 6 AUG 2020 AT 17:17 पानी से रिश्ते,कागजी ख्वाहिशें,और तैरने का वहम.... उफ्फ...ज़िन्दगी एक लहर से ज्यादा शायद कुछ भी नही...!! - Rakesh Kumar 13 SEP 2020 AT 9:35 Barish Tum Do Cup ChaiAur Kabhi Na Khatam Hone Wali BateinUff Ye Mere Mehnge Khwab❤ - Samikhya Swain 8 MAY 2018 AT 22:49 Dhokha dena to koi tujh se sikhe..Aur uss dhokhe ko apne pyaar mein badal na koi hum se sikhe. - Aman srivastava 31 JAN 2019 AT 11:13 उफ्फ...मैं और मेरा दिल...दोनों मर गए तुमपे... - 💓तनु श्री💓 27 MAY 2020 AT 17:13 खूब जमेगा रंग जब मिल बैठेंगे हम तीन यारमै बर्तन और मेरा बिम बार 😋😋 - Vihaan 23 JUL 2018 AT 18:22 कविता लिखकर तो अब बस कागज़ भरता हूँ।दिल तो कमेंट में उसके उफ़्फ़ लिखने से भरता है। - , 16 FEB 2021 AT 14:04 तुम धड़़कन की धक-धक हो,मै कोयल की कुहू प्रिये,तुम कह दो की मेरी हो,जी भर तुम को चुमू प्रिये !तुम दवात मे स्याही सी,मै कलम हूं शाही प्रिये,छू कर तुम को प्रेम से,लिख डालू मै आह्ह प्रिये ! - sipra Gupta 4 AUG 2020 AT 10:45 hiii - Adil Raza✍️ 2 AUG 2020 AT 10:24 रफ़्तार इस कदर । तेज़ हो गई है ज़िन्दगी की।के सुबह का दर्द। शाम को पुराना हो जाता है। -