है लफ्ज़ भी तू ही,
मेरे किस्से कहानी भी तू ही।
मेरी कलम भी तू,
मेरी किताब भी तू ही।
हां हार गए तेरे इश्क़ में खुद से हम,,,,
ज़िन्दगी भी तू ही अब जिंदगानी भी तू ही...
हां मेरी सांसों की रवानी भी तू ही,
मेरी धड़कन भी तू ही,
मेरे दिल की ज़रूरत भी तू ही,
ज़िन्दगी भी तू ही अब जिंदगानी भी तू ही...
हां मेरी सांसों की रवानी भी तू ही...✍️
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