अगर तुझे चाँद समझ ,
खुद को बच्चे सी ललक रखवाना गलत है ..
अगर देख तुझे इस दिल को ,
चार सौ बीट्स / मिनट पर धड़काना गलत है ..
अगर चूम तेरे इन होंठो को ,
खुद को पा जाना गलत है ..
और हाथ पकड़ तेरा ,
अरसो बाद खुल कर मुस्कुरा जाना गलत है ..
अगर गलती से सिर्फ टॉवल में देख तुझे ,
दरवाज़ा बंद क़र भाग जाना गलत है ..
या तेरे पुराने व्हाट्सएप्प मेस्सेजस को पढ़ ,
तेरा एहसास खुद को दिलाना गलत है .
तेरी हँसी , तेरी खिलखिलाहट पर ,
अपनी जान तक वार देना गलत है ..
और दस साल बाद भी ,
तुझे डे वन सा चाहना अगर गलत है ..
तो हाँ मेरी जान ,
मैंने गलती नही , गुनाह किया है ...!
-Shimon Saxena
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