(प्रिय की खूबसूरती पर मेरे अल्फाज🌸)
चांद छुप छुप कर देखता है तुमको
जैसे शरमा गया हो तुमसे।
देखो कैसे छिप रहा है बादलों में
जैसे घबरा गया हो तुमसे।
जुल्फें तेरी रात काली
हुस्न की क्या बात है
होठों पे अदभुत लालिमा
नैनों में गहरा राज है।
मैं क्या कहूं क्या न कहूं
पर चुप भी मैं कैसे रहूं
स्वर्ग की तू अप्सरा
बनकर खड़ी जब सामने।
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