एक दिन
एक जोड़ी जूते एक अच्छा बैग
थोड़ी सी हिम्मत लेकर थोड़ा सा स्वैग
थोड़ा सा पागलपन थोड़ा सा वहम मेरा
मेरे हाथों में मेरा एक पसंदीदा कैमरा
कल्पनाओं में खींची वो तमाम तस्वीरें
पहाड़ों की पगडंडी पर सफर धीरे-धीरे
गांव की पगडंडी से लेकर ऊंचे पहाड़ों तक
मासूम मुस्कान से लेकर शेर की दहाड़ो तक
रेगिस्तान के रेत से समन्दर के रेत तक
चाय के बागानों से लेकर नारियल के खेत तक
योधदाई धरती से लेकर हजारों प्रेम कहानी तक
नदियां के पानी से लेकर छुटी बहुत निशानी तक
कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर की घाटी तक
जैसल की भूमि से लेकर असम गुवाहाटी तक
इतिहास गवाह महलों से महलों के खण्डर तक
फैले हुए धरातल पर और ऊंचे-ऊंचे मन्दिर तक
जो भी है अपना टूटा फूटा विश्वास लिए
खूबसूरत नजारों की आंखों में प्यास लिए
जमाने की तमाम बातों को नजरंदाज करके
अपने आप में सिर्फ अपना ही अन्दाज भरके
कहीं कुछ ना मिला तो अनुभव तो तमाम होंगे
फर्क नहीं पड़ता होने या ना होने से दुनिया के सब काम होंगे
अपनी आंखों में ख्याबों की दौलत लेकर
कुछ मेरे अपनों से मौहलत लेकर
उम्र खत्म हो पर यह खत्म ना हो ऐसे डगर पर निकल जाऊंगा
एक दिन हां एक दिन ऐसे ही सफर पर निकल जाऊंगा
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