QUOTES ON #THEPSP

#thepsp quotes

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21 DEC 2018 AT 9:02

मेरे साजन को मुझसे दिक्कत सिर्फ इतनी है
कि मेरे शहर में मुझे चाहने वाली कितनी हैं!


Mere saajan ko mujhse dikkat sirf itni hai
Ki mere shaher me mujhe chahne wali kitni hain

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11 JUL 2018 AT 18:49

रखने के लिए तुम्हारा दिल भी बहुत है ग़ालिब,

एक तरफा प्यार और किसी दिल का मोहताज नही होता यहाँ!!

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26 MAR 2018 AT 17:29

And leave the niche bespattered with broken trusts, befuddled aplomb and droplets of tears...

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13 JUL 2018 AT 18:38

मिलकर मुझसे जी भर फरियाद कर लेना,
दुआ में ना सही दर्द में याद कर लेना।

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8 JUL 2018 AT 22:22

छिड़ चुकी है जंग आज मैख़ाने में,
किस की जीत होगी अपने ग़म छुपाने में।

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3 JUL 2018 AT 12:55

इश्क़ की अदालत में मैंने मुकदमा दायर कर दिया,
कि किसने दिलजले का नाम बदलकर शायर कर दिया!

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16 JUN 2018 AT 17:45

इशरत और बरकत का पैगाम लाया है,
एक दफा ऊपर देख लो ईद का चांद आया है!

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22 JAN 2019 AT 15:25

Main awara hun, samandar ki tarah behta rehta hun,
Roz sham ek patthar ke bagal me baitha rehta hun,
Meri adat nahi ki main chhip jaun andhere me,
Majburan kismat ki na-manzuri ko sehta rehta hun

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31 DEC 2018 AT 10:12

किसी ज़र्रे को भी मुझसे मोहब्बत हो जाये तो बता देना कभी,
वैसे आशिक़ी के ख़्वाब बुनना तो मैने कब का छोड़ दिया

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15 AUG 2018 AT 13:24

ये भगत की, ये केसरी और आज़ाद की धरती है,
मिट्टी की सोंधी सी खुशबू साहस सा एक भर्ती है,
ऐसे देश को जान भी दे दूँ तो भी है कम लगता वीर,
देश बहे और मैं ना बोलूँ ऐसा ना हो सकता वीर,
धीरज की जो बात करें मैं उनसे पूछो क्यों थमूँ,
दुश्मन आँख दिखा रहा, उसकी आँखें क्यों सहूँ,
क्या यही भूमि है, यही देश है यही अपना समाज है,
संस्कृति और सभ्यता पर पड़ रही सी गाज है,
क्या हमने अब मानवता के सभी चिह्न खो दिये हैं,
मिथ्या, ईर्ष्या, अर्धम, हिंसा सबके बीज बो दिए हैं,
मंज़र ऐसा हो गया है अब सब कुछ बर्बाद है,
क्या तुम्हें वो सुहानी कहानियाँ भी याद हैं,
इस तरह से रहना अब ना रहने के बराबर है,
फिर कोई अंग्रेज़ या लूटेगा कोई बाबर है,
क्यों रुके हैं हम, किसने हमको रोका है,
किसकी आवाज़ ने वीरता का दम ऐसे घोटा है,
क्यों नहीं अब उठ रहे खंजर तलवार हैं,
क्यों नहीं अब हो रहे काइयोँ पर वार हैं,
दुश्मन फिर से वार कर, ऐसा ना हो सकता वीर,
देश बहे और मैं ना बोलूँ ऐसा ना हो सकता वीर!

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