Deepshikha V S 8 MAR 2019 AT 23:24 Deepshikha V S 17 JUN 2017 AT 7:35 They judged me for being too talkative.I neither argued nor budged.I started writing.(Full story in the caption) - Deepshikha V S 5 MAY 2017 AT 11:45 Success is like a mango.Tasting it, youdo bumpinto bigrocky kernels which need to be pulled out to enjoy the whole of it. - Deepshikha V S 23 JUL 2020 AT 8:47 इस धूप और बारिश के चक्कर में क्या बताऊं क्या- क्या कष्ट रहे ?यह बरसाती उनको भी ढंकती रही जो पहन मुझे कृतघ्न रहे । - Deepshikha V S 10 APR 2019 AT 18:47 कानों पर सितारे थे , पलकों पर खंजर,कुछ इस तरह अपनी राहें महफूज़ कर ली मैंने । - Deepshikha V S 21 MAY 2018 AT 23:03 When you finally spot the only answer you had prepared from the syllabus. - Deepshikha V S 19 APR 2019 AT 0:37 दौलत के मद में चूरतू कई गुनाह कर गया ।मुझे जाने देना कौन सी बड़ी बात थी ? - Deepshikha V S 5 SEP 2021 AT 17:17 उन्हें चाहिए अच्छे घर की बेटीपर उस ही घर से मिलने वाले संस्कारवो अपनाए ससुराल में या हो मायके सेउसका अत्यधिक मेल मिलाप,तो मान्य नहीं ...{पूरी कविता अनुशीर्षक (कैप्शन) में} - Deepshikha V S 30 JUL 2019 AT 2:53 'मतलबी' दौड़ते रहे खून के रिश्तों के पीछे रात - दिन ।बेमानी दौड़ से बाहर रह मुझे कई अनजान 'अपने' मिल गए । - Deepshikha V S 11 JAN 2019 AT 10:44 ज़रूरी तो नहींजिसका हाथ पकड़ मुझे तुमने कल देखा चूड़ियों की दुकान परज़िद करते हुए,वो वही हो जो तुम सोच रहे थे..(अनुशीर्षक में पूरा पढ़े ) -