aankit Srivastava ankit 13 JAN 2018 AT 19:55 यूं ही तजुर्बा बयां नहीं करता है ,वह इशारों में ..उसने पूरी जिंदगी गुजार दी, दो कमरों के दीवारों में.. - aankit Srivastava ankit 31 DEC 2017 AT 21:25 हर खेत, हर गाँव, हर शहर, का मौसम खुशहाल हो जाए.. कुछ ऐसा कर खुदा ,कि ऐसा हमारा साल हो जाए.. - aankit Srivastava ankit 14 MAR 2018 AT 20:53 वह अपने कामयाबियों में कुछ इस तरह से शुमार था..कि वह भूल गया,गांव में उसका बाप भी बीमार था. - aankit Srivastava ankit 30 MAR 2018 AT 23:01 जो हाथ उठे बलात्कार को, मुझे उसका अब कफन चाहिए ..बहुत हुआ अत्याचार , अब मुझे मेरा खुशनुमा वतन चाहिए... - aankit Srivastava ankit 26 MAY 2018 AT 22:50 हर मासूम के हाथों में ,किताबें अब नई हो.. उम्मीद करता हूं ,इस बार की ऐसी मई हो... - aankit Srivastava ankit 4 APR 2018 AT 20:47 न जाने कैसा यह जख्म, और कैसा यह निशान था.. जो भूख से मर रहा था,वह हमारे देश का किसान था.. - aankit Srivastava ankit 16 JUN 2018 AT 22:06 ना ही कोई मक्खन और ना ही कोई मलाई चाहिए..मॉं बीमार है साहब, मुझे तो बस थोड़ी दवाई चाहिए.. - aankit Srivastava ankit 28 APR 2018 AT 21:42 मेरा दिल ही, मेरे दिमाग से जुदा हो गया... जब से वह शख्स , मेरा खुदा हो गया.. - aankit Srivastava ankit 2 JUN 2018 AT 21:20 मेरा दिल दुखा कर ,वह अपनी दुनिया में आसानी से ढ़ल जाते हैं ...मैं किसे मनाऊं अंकित , यहां तो लोग ,हर रोज ही ,बदल जाते हैं... - aankit Srivastava ankit 12 MAY 2018 AT 21:48 ना जाने कैसी यह दोस्ती और कैसा यह करार है ..तू नहीं दुनिया में ,फिर भी तुझसे ही सिर्फ प्यार है... -