तुम भी किसी और की बातों में आ गए
कम से कम मुझसे पूछ लिया होता
कि मुझसे ऐसी कौन सी खता हो गयी
जो तुम भी चले गए मुझे तन्हा छोड़कर-
Teri dosti hum umr bhar nhi bhoolengy ae dost ..,
Tere hote huye bhi kitne tanha thy hum.-
मेहबूब जुबां हर राज़ छुपा लेती है।
दगाबाज़ ऑंखें सब बता देती है।
बंद पलकों ने नींद को धोखा दिया।
खुली निगाहों में बीती रात रहती है।-
तुम्हें मिल गई मंज़िल अपनी
और हम भटकते ही रह गए
कुछ ने टूट के भी मुरादें कर दीं पूरी
कुछ सितारे चमकते ही रह गए!-
उनके चेहरे पर तो मुस्कान है...
मैं ही क्यों रोया करता हूँ...??
हमारे प्यार की लाश को...
मैं तन्हा ही क्यों ढोया करता हूँ...??-
मेरे मोहब्बत का कोई नाम पूछे...
तो बोलो अब हम क्या बताएंँ...??
एक तरफा प्रीत के इस गीत को...
बोलो कब तक हम तन्हा गुनगुनाएँ...??-
मेरी खामोशी पे क्यों सवाल करते हो
गलती खुद से फिर क्यों बवाल करते हो
जब खाना तुम चोट इश्क़ में
तब कहना क्यों तन्हा भी , बेवफाई से पयार करते हो ।-
वो मुकम्मल काम कोई भी सलीके से नहीं करती,
सपने में आती तो है पर यूं ख्वाबों से निकलकर,
नींद तोड़ जाती है..
तन्हा छोड़ जाती है,
दिल तोड़ जाती है...💔💜-