कच्चे आम,
गीली मिट्टी,
आंगन वाला घर,
नीम पर डाला झूला,
गर्मियों की छुट्टियां,
किशमिश भरी मुट्ठियां।
खोया कहां है बचपन?
वह समा गया है इन्हीं छोटी चीजों में
मिलता है नानी के घर आए बच्चों से।
छत को जाती सीढ़ियां,
चारपाई पर तीन पीढ़ियां,
हिस्सा है बचपन की कहानी का।
कोने में रखा खिलौने रुपी बचपन
खिल उठता है जब कोई बच्चा
आकर कहता है
धप्पा!
-