तेरे इश्क़ में अब बँधना है,मुझे!!
तेरे नाम खत लिखना है,मुझे!!
कई दिनों धरा बेचैन रही है,खैर
अब आसमां से बरसना हैं,मुझे!
हो खुशी जहाँ मुझे न ले जाइये
अपनी कब्र से गुजरना है ,मुझे!
मेरी तो इतनी ही ख्वाहिश है,कि
माँ पहलू में तेरे लिपटना है,मुझे!
क्यों है, जिंदगी इतनी मानूस सी
ऐ लम्हे खुदकुशी करना है, मुझे!
खाली बैठे यही काम करते हैं,
किताबों के पन्ने पलटना है,मुझे!
तेरे वादा-ए-इश्क़ में ख़लिश हैं,
बड़ी सादगी से निकलना है मुझे!
बात बात पर बिगड़ने वाले अब,
तेरी हर बात पर बिगड़ना है,मुझे!
"सुखन"अभी दर्द की इब्तिदा है!
इसकी इन्तेहा से गुजरना है, मुझे!
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