QUOTES ON #STRINGS_OF_WORD

#strings_of_word quotes

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12 JAN 2020 AT 1:07

As I read the writer
I fall for the way
How someone sells away the pain
In the woven string of
Words and weep

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3 JAN 2023 AT 15:57

हर आंसू की अपनी अलग ही पहचान थी
आंख से बहते पानी की भी अलग ही शान थी

उसके नूर से पता लगता था उसमे क्या बदखशान थी
नजाकतों मे उसकी कुछ तो हिज्रान-ए-इज़्ज़-ओ -शान थी

सदाक़तो से लबरेज वो "अप्सरा' महव-ए-शान थी
शान-ए-कुल वो कुदरत की खूबसूरत परवान थी

झूठी हंसी को लोग खुश-मिजाजी समझते थें
उन्हें क्या पता मज़बूरी जो रुह-ओ-दिल के दरमियान थी

मुस्कुराहटों पर उठते हर सवाल की कसम
सभी मुस्कुराहटों मे अतरंगी बात मेहरबान थी

हर नज़र को नज़र नहीं मिलती ये कैसी अमान थी
मिल जाए जिससे नज़र क्या वाकई वो बेईमान थी

चेहरे की हंसी मे छुपे थे लाख जख्म,
"गुल-अफ्शा' हर जख्म की अजीब दास्तान थी

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25 MAR 2023 AT 12:35

मै जो डूबा हुँ ऐश- ए-मोहब्बत मे उसकी
बजहा उसकी हुस्न- ए- जवानी तो नहीं

घूमते हैँ गलिहारों मे यार, दिवाने आज भी
वीडियो कॉल ने अभी ये हक़ छिना नही

एहसास आज भी पुराने हैँ दिलो मे दीवानो के
रस्म ए जिस्म ने रूहानी मोहब्बत को रौंदा नहीं

फैली है एक सर्सरी ताल्लुक़ात की 'गुल-अफ्शा"
तुम भी हो शामिल रुसवाई मे अकेला वो नहीं

क्यूं ले जाते हो सर-ए-बिस्तर तक यार को
समझो जरा मोहब्बत इबादत है जिस्मानी नही

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19 MAR 2023 AT 21:57

मुझे क्या गम मिला, हर एक से फिर एक सितम मिला
मेरी हालत पर मुस्कुराता हर धोखेबाज इब्ने आदम मिला

मै सहमा रहा ज़िंदगी मे मुझे जाने क्या क्या ब-सितम मिला
मेरे हाल पर हँसता हुआ हर एक शख्स मेरा जिगरी याराम मिला

रुस्बाईयो का करम ये था मेरे इश्क़ मे मुझे हर दर्द ज़म ज़म मिला
मै क्या बदनाम हुआ कुचे कुचे हर ज़ुबां पर मेरा नाम मिला

रातो को आँखों मे मेरी जो था आंसुओ का आवागमन मिला
मै रोता रहा रात भर मुझमे जो इक शख्श था वो भी बे-दम मिला

मै जीता रहा जिस्म का बोझ लिए वजूद मेरी रूह का बूदम मिला
साँसो मे था जो किदम हाल ए पैकर सारा का सारा अज़म मिला

जो भी मिला मेरी हस्ती मिटाने को हर इक मोहकाम मिला
चाहा जिस जिस ने. छीनना मुझसे, मुझमे जो एक नज़म मिला

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9 NOV 2018 AT 22:29

We people are words searching for a string to be adorned in a story just to see the string getting entangled sometimes.

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22 MAR 2023 AT 18:33






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29 DEC 2022 AT 14:59

मर रहे थे रोज़ रोज़ मुझमें मेरे एहसास सभी
जख्म भी रिस रहे थे जैसे हो ताजे अभी

उसकी जुदाई मुझे कुछ यूँ तडपा रही थी
मिला हो जैसे किसी रोज गले लगाकर कभी

आँखे नम थी चेहरे पर झूठी मुस्कान थी
किस से बताते आँसुओ का सबब तू मेरा था भी तो कुछ नही कभी

दम सा घुट रहा था मेरा तू मुझमे था यार कहीं
तो क्या हुआ अगर तू मुझसे मिला नही कभी

तेरे दर्द की अवाज आज भी महसूस करता हूं मै
तुने नही दिखाया तो क्या तेरी सिसकियां तो सुनता हूँ मै आज भी

हाँ यार मोहब्बत नही थी तुझसे तो क्या तेरी फिक्र तो करता हुँ मै
क्या हुआ अगर तेरा हो नही सका मै तेरा बेस्टी तो था कभी

तेरी दिवानगी की हद्द देखी है मैने ठीक है यार
मान लिया तुझे बर्बाद किया है मैने शायद कभी

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26 NOV 2022 AT 18:28

मुझे बांहों मे उठाकर लाया जा रहा था
मुझे नहालाने को किसी तख्ती पर लिटाया जा रहा था
पास ही मे मसहरी रखी थी

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28 JUL 2022 AT 21:28

इश्क ही तो है क्या हुआ अगर ज्यादा नहीं
मगर जितना भी है मुझसे ही तो है,
ख्वाब जो देखो तुम धुंधले ही सही
मगर मुझे देखो यही काफी है,
गर परेशां हो भी जाओ तो क्या
अगर ख्याल मेरा ना हो तो मुश्किल है,
ईश्क ही तो है क्या हुआ अगर पूरा नहीं
मगर अधूरा भी है तो मुझसे ही तो है,
वादे जो करो तुम अगर मुकम्मल न करो तो क्या
मगर मुझसे करो तो क्या गम है,
ईश्क ही तो है क्या हुआ अगर अधूरा रहा
मगर जितना भी रहा सच्चा तो रहा

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2 JAN 2023 AT 21:58

हर नज़र को नज़र नहीं मिलती ये कैसी अमान थी
मिल जाए जिससे नज़र क्या वाकई वो बेईमान थी

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