अजिब से सवाल है उनके आँखों में ,
एक अलग सा एहसास हैं उनकी बातों में ,
जाने क्यों वो डर जाते है हमें खोने से ,
जाने क्यों बस दर्द छुपा लेते है एक कोने में ,
जाने क्यों एक अलग सी ख्वाइश हैं उनके चेहरे पे
जाने क्यों एक अलग सी ख्वाइश हैं उनके चेहरे पे
कि कितना भी दूर करलू मैं ख़ुदको हिस्सों से
सिर्फ उनका ही ज़िक्र है मेरे किस्सो में।।।
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