QUOTES ON #SPEAKUPFORYOURSELF

#speakupforyourself quotes

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👇शिक्षक👇

हां.. हूं शिक्षक,
वैसे तो पद सम्मानीय है,
पर केवल नाम का...
बंदीशो में कटती हैं
दिनचर्या रोज हमारी,
घण्टे-मिनट में सिमटी है
जिंदगी की हमारी पटरी...
आप एक बच्चे से
रहते हो बहुत परेशान...
हमें सैकड़ों बच्चों का,
रखना पड़ता है प्यार से ध्यान...
उसमें भी गर खेलते हुए
लग जाए किसी बच्चे को खरोच,
दौड़े आओगे आप विद्यालय
और बेहद कटु वचनों से
हम शिक्षकों को पहुंचाओगे चोट...
आप बच्चे को मारकर
भले अधमरा कर दो गुस्से में,
हम जो आँख उठा कर देखें,
तो जी शायद पहुँच जाओगे कोर्ट...
मस्ती करते दिख गये कभी,
तो मैडम-सर रसिक बन जाते हैं...
जो कभी गलती हुई कुछ तो,
शिक्षक होकर ज्ञान नहीं का
ताना भी तो बेहयायी से सुन लेते हैं...

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12 SEP 2021 AT 10:57

Choice between tolerance and disapproval is the toughest.

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15 MAY 2022 AT 17:09

It's ok,
no I didn't feel bad it's ok,
even if I feel I won't say it's ok

Actually it isn't really ok,
I felt bad and it's not ok each time,
and if feel, I will say, it's not OK...

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4 SEP 2020 AT 20:25

" युवा मांगे जबाब अब "

भर्ती निकले तो इम्तहान नहीं
परीक्षा हो तो परिणाम नहीं
परिणाम निकले तो joining का नाम नहीं
आखिर क्यों युवाओ का सम्मान नही ?
बस करो मजाक अब
युवा मांगे हिसाब अब
बात करो, संवाद करो
दो हमारे प्रशनौ के जबाब अब
क्यों हर भर्ती पंचवर्षीय योजना है?
किस नये भारत की ये परियोजना है?
कैसी ये परिक्षा प्रणाली है?
आपने युवाओं की छीन ली जवानी है ।
क्यों पेपर में गलत सबाल डालते ?
फिर 100 -100 रू. का व्यपार करते
Rank list का नहीं प्रवधान करते
Waiting list का नही समाधान करते
साहब.. दो चार हो तो बोलू
अरे आप तो जुल्म हजार करते
जागो सरकार जागो , बस यही कहना है
हमारी समस्याओं पर ध्यान दो
1वर्ष के भीतर पूरी प्रक्रिया हो
युवाओं से भी कुछ कहना है
अब और नही सहना है
बुलंद अपनी आवाज़ करो
आज कुछ एसी हूंकार भरो
आ जाये चाहे सैलाब अब
रुकना नहीं, झुकना नही
अपने हकों का करना है हिसाब अब ।



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13 JUN 2020 AT 13:08

कुछ बोला तो करो ।
दिल में इतने दफ़न राज़ क्यूँ ,
इनको खोला तो करो ।
चुप हो तुम इतना क्यों ,
क्या ख़ामोशी से इश्क़ है ,
या दिल के कोने में छिपा कोई दर्द है ।
जो इश्क़ है तो चुप रह लो तुम ,
पर जो दर्द है ,
तो दिल को खोलो और खूब बोलो ।
इतना बोलो , इतना बोलो की सारा दर्द बाहर निकल जाये ।
छोटी सी ज़िन्दगी है ,
हर हाल में बस ख़ुश तुम रह लो ,
बस ख़ुश तुम रह लो ।💙

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3 OCT 2020 AT 11:51

हे!भारत की न्यायमूर्ति


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4 JAN 2021 AT 14:50

Someday your thoughts may kill you.,
If you don't speak up at the right time..

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14 SEP 2020 AT 15:57

तुम क्या लड़ोगे उससे,
उससे लड़ना तुम्हारे बस की बात नहीं।
वो तो दर्द को भी अपनाना जानती है..
हर महीने दर्द सहना,
तुम्हारे बस की बात नहीं..
दब कर रहना,
तुम्हारे बस की बात नहीं..
अपना घर छोड़ के जाना,
तुम्हारे बस की बात नहीं..
किसी और के परिवार को अपनाना,
तुम्हारे बस की बात नहीं..
दूसरों की खुशियों के लिये अपना मन मारना,
तुम्हारे बस की बात नहीं..
तरह तरह की बातें सुनना,
तुम्हारे बस की बात नहीं..
दूसरों के लिए खुद को बदलना,
तुम्हारे बस की बात नहीं..
सब कुछ सुन कर चुप रहना,
तुम्हारे बस की बात नहीं..
इसीलिए कहती हूं,
उसे और उसकी ज़िंदगी को समझना,
तुम्हारे बस की बात नहीं..
तुम क्या लड़ोगे उससे,
उससे लड़ना तुम्हारे बस की बात नहीं।

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10 JUN 2020 AT 12:21

महलों में है 'तकलीफ उनको क्या
रखवाले रक्खे हैं शरीफ उनको क्या
रोज की खबर में एक खबर आती है
गली के मोड़ पे बेटी जलाई जाती है
कचोटता है मन.. आत्मा तड़प जाती है
लक्ष्मी है....
वरदान है.....
किस्मत है.....…फिर किस्मत गंदे नाले मे
बस में नहीं है ऐसे मंजर को झेलना
समाधान तो कुछ ढूंढना होगा....
आज वो है कल कोई अपना होगा....

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5 NOV 2021 AT 14:48

"There is no disgrace in being a survivor of sexual violence, Period."

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