"अभि की दुल्हनियाँ" कुछ साल बाद जब मांग पे सिंदूर आँखों में काजल माथे में टीका और लगाके आएगी चुनरियाँ। देखके उसको दाँतों तले उंगली दबाएगी ये सारी की सारी दुनिया जब देखेगी अभि की दुल्हनियाँ। जब वो बन जाएगी मेरी दुनिया और ज़्यादा आएगा मज़ा मोहब्बत का जब वो बन जायेगी मेरी दुल्हनियाँ। मेरे अँगना में छनकाएगी वो पैजनियाँ सब बोलेंगे कि करोड़ो में एक है अभि की दुल्हनियाँ। सारे दिन की तकलीफें मेरी हो जाएँगी दूर और दूर हो जाएँगी सारी दूरियाँ प्यार से एक बार जब हो जाएगा दीदार उसका जब दिख जाएँगी मुझको मेरी चन्दनियाँ। हर दुख हर दर्द हो जाएंगे गायब और छूमंतर हो जायेगी हर परेशानियाँ जब तक साथ रहेगी मेरी दुल्हनियाँ। साथ रहेंगे हरदम दोनों दूर रहेगी सारी दूरियाँ पाकर सबकी दुआएँ और प्यार हो जायेगा सुखी और सुंदर हम दोनों का संसार। कभी न झगड़ेंगे दोनों बस बरसायेंगे एक दूजे पर प्यार। सोच रहा हूँ जब आ जायेगी वो पास मेरे तब उड़ जाएंगी मेरी आँखों की निन्दिया बस यही सोच हो जाता हूँ खुश कि आज नही तो कल ज़रूर बनेगी वो अभि की दुल्हनियाँ। 'अbhi:एकतन्हामुसाफ़िर'
she used to call me a King and i always wanted her as my Queen till my province ambush by a last stage Cancer still she remains near to me i tell her to walk away she smiled.. but queens never quit....
ख़ूबसूरत भी नादान सी मासूम भी पर शैतान सी ।। मै राही उसका वो राह मेरी मै आसमां उसका वो चांद मेरी ।। दर्द मेरा वो हमदर्द मेरी हर पल है मेरे साथ खड़ी ।। कुछ खुद सी कुछ मुझ सी मुझमें ढली एक सांझ सी ।।