हर पल तुम्हारे होने का एहसास सा होता है , जिस लम्हें में तुम्हारा ज़िक्र हो ,, वो लम्हा बहुत खास सा होता है । एक पल की भी दूरी तुमसे पूरा मास सा होता है ,, तुम्हारा होना अब मेरे लिए सांस सा होता है ।।
दोनों के दरमियाँ कोई मरासिम तो नही,, पर शाब-ओ-रोज़ कुरबतें बढ़ सी रही हैं,, जुस्तुज़ु सिर्फ तुझे पाने की नहीं ,, मुज़दा ये है कि तुम पर भी ये खुशियाँ जच सी रही हैं ।।