वो मैं ही था..जिसके कारण वो मशहूर थी वरना उसको चाहने वाले और भी थे . वो मैं ही था.. जिसके कारण उसके चर्चे थे वरना हसीनायें शहर में और भी थी . वो मैं ही था..जिसे उसकी सीरत से प्यार था वरना सबको सिर्फ उसके जिस्म की चाह थी
दादा जी गर हैसियत कोई जांचे उनकी तो पाए हमेशा कि, चहुँओर ही उनके नायाब सीरत का बोल-बाला है। फ़क़त फ़ाक़े में गुजारे हैं उन्होंने कई शाम ही मगर, सारे रिश्तों को उन्होंने अमीर दिल से संभाला है!!