वो हस कर सबका मन मोहती है,
वो रो कर सबकी बैंड बजाती है,
वो २ कदम भी इतरा कर बढ़ाती है,
वो गोद में आ कर चुपचाप सो जाती है,
वो बारिश की बूंदों से खेलती है,
वो सूरज की किरणों को छेड़ती है,
वो माँ की लाडली सबकी चहीती है,
वो पापा की परी बन कर रहती है,
वो उस घर में जनमी एक नन्ही सी बेटी है,
जो रात के सन्नाटे में भी रौनक कर देती है।
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