QUOTES ON #SHAYAR

#shayar quotes

Trending | Latest
23 FEB 2018 AT 1:45

मोहब्बत के कोर्ट में दर्द भरा याचिका दायर ना होता
तु बेवफा ना होती तो मैं शायर ना होता ।

-


14 MAY 2020 AT 11:30

विरासत में नहीं मिला है मुझे ये हुनर लिखने का,
लोगो ने तारीफें कर कर के ही शायर बना दिया।

-


12 JAN 2021 AT 22:56

यहां हर मन में है एक कोना,जिसमे छुपी है एक कहानी
कहीं ना कहीं हर किस्से में की है सबने खुद से एक बईमानी,
ना किसी ने हार ही है मानी,ना ही लड़ने कि है किसी ने ठानी।

यहां हर एक मन में है एक कोना,जिसमे लिखी है एक कहानी
बिना शब्दों कि एक किताब जिसकी श्याही,आँखों का पानी।

यहां हर एक मन में है एक कोना,जिसमे जली है एक कहानी
तक़लीफ़ हुई जलने से जिसके पर राख से भी मिली सुकून रूहानी।

यहां हर एक मन में है एक कोना,जिसमे अमर है एक कहानी
हर मोड़ पे शायद याद आये जिसके किरदारों की नादानी।।

-


23 OCT 2021 AT 13:38

Mere har ek alfazon me
Sirf uska hi zikr tha,
Aur Uske har ek afsane me
Ek alag hi jung tha.

-



मुझे हमदर्दी नहीं 😧
हमराही चाहिए 😊
मुझे सहायता नहीं 😱
साथ चाहिए 😇
मुझे दिल नहीं 😃
दिलदार चाहिए 😍
मुझे प्यार नहीं 😘
मुझे यार चाहिए 😀

-


8 JUL 2019 AT 19:42

बेशक मैं एक शायर हूँ,
और मेरी लिखी वो शायरी तू है।

कुछ पन्ने छोड़ दिए हैं लिखने को मैंने,
मेरे उन सादे पन्नों की डायरी तू है ।

हर रोज होती है खुदा से एक गुज़ारिश,
उस गुज़ारिश की पहली फरमाइश तू है।।

बेशक मैं एक शायर हूँ,
और मेरी लिखी वो शायरी तू है।।

-


3 JUN 2020 AT 18:26

मुसीबतों में कोई किसी का नहीं होता
जिसको हम अपना समझते हैं वहीं अपना नहीं होता

पर मैं सोचता हूं कभी कभी की क्या होता
अगर मां का पल्लू और पिता का साया नहीं होता

ना किसी को फिक्र होती ना ही कोई हमदर्द होता
फिर ये सत्यम जैसा हैं अभी वैसा नहीं होता

ज़िन्दगी में हर चीज पैसा नहीं होता
प्यार जिससे हम चाहते वो प्यार ही नहीं होता

और घर जैसा प्यार और कहीं भी नहीं होता
पर हमको उस प्यार का कदर नहीं होता

क्या करोगे ऐसी मोहब्बत पाकर जिसमें
तुम्हारा चैन और सुकून ही नहीं होता

और उस इंसान का को खुदा समझ लेते हैं हम
जो बस एक वक़्त हैं कुछ पल बाद हमारा नहीं होता

-


15 NOV 2021 AT 19:18

Suraj mera raat me nikla,
Jab logon ne chaand ko dekha,
Mene apni subah raat me hi paya.

-


13 SEP 2021 AT 1:23

महज़ नाम हैं अंकित
मेरी पहचान हैं अंकित
किसी को क़द्र ही नही
किसी की जान हैं अंकित
मेरा आराम हैं अंकित
घरेलू काम हैं अंकित
कोई पीता ही नही
किसी का जाम हैं अंकित
एक वीरान हैं अंकित
कोई सुनसान हैं अंकित
कोई ख़रीदता ही नही
किसी का दाम हैं अंकित
मेरा ईमान है अंकित
एक इंसान हैं अंकित
कोई ज़िक्र नही करता
किसी की शान हैं अंकित

-


12 JUN 2020 AT 22:00

सुन...अब कभी लौटना मत तू
कहानी से अपनी लफ़्ज़-ए-मुहब्बत मिटा दिया है मैंने...
महज इक जिस्म बाकी रह गया है मेरे पास मेरा
रूह को तो अपनी कबका वफा की कब्र में लिटा दिया है मैंने...
इतना गुरूर मत कर अपनी जीत पर 'शिद्दत'
खुद को हराने की ज़िद में तुझको जिता दिया है मैंने...
ज़माना याद रखेगा मुद्दतों तलक तुझे
तेरा नाम भी हीर और मुमताज़ वाली लिस्ट में लिखा दिया है मैंने...
और यकीन मान, बिता दूंगा मैं उम्र सारी तेरे बगैर
वैसे ही जैसे पिछला एक साल बिता दिया है मैंने
सुन...अब कभी लौटना मत तू
कहानी से अपनी लफ़्ज़-ए-मुहब्बत मिटा दिया है मैंने...

-