यहां हर मन में है एक कोना,जिसमे छुपी है एक कहानी
कहीं ना कहीं हर किस्से में की है सबने खुद से एक बईमानी,
ना किसी ने हार ही है मानी,ना ही लड़ने कि है किसी ने ठानी।
यहां हर एक मन में है एक कोना,जिसमे लिखी है एक कहानी
बिना शब्दों कि एक किताब जिसकी श्याही,आँखों का पानी।
यहां हर एक मन में है एक कोना,जिसमे जली है एक कहानी
तक़लीफ़ हुई जलने से जिसके पर राख से भी मिली सुकून रूहानी।
यहां हर एक मन में है एक कोना,जिसमे अमर है एक कहानी
हर मोड़ पे शायद याद आये जिसके किरदारों की नादानी।।
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