QUOTES ON #SHASHIKANT

#shashikant quotes

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6 JUL 2020 AT 11:37

Shyahi dilki Meri,, aaj gum likhti hai
Wajood hai ki !! Ketab bankar baitha hai

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12 OCT 2019 AT 22:54

`कुछ देर पहले' उसका वहम टूट गया,
` कुछ देर पहले' मेरा साथ छूठ गया,
समझने को तो वो बहुत कुछ समझ गए,
लेकिन मुझे पता है, `कुछ देर पहले' ही मेरा वक़्त मुझसे रूठ गया ।।

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5 APR 2021 AT 13:43

प्रेम से ही तो सुखी घर संसार हैं,
प्रेम रस में बस भावों का व्यवहार है।
कभी प्रेम है कोमल, कभी प्रेम ही अंगार है,
प्रेम पथ पर नतमस्तक, दुनिया हुई बारम्बार है।।

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5 APR 2021 AT 19:18

चुस्की तुम चाय की मेरे, मैं तो बस रखवाला हूँ।
ठंड, गर्म तुम ही होती, मैं तो भोलाभाला हूँ।
क्या नही पहचाना मुझकों, मैं तो मात्र एक प्याला हूँ।
बस तेरे स्वाद के नशे में डूबा, साकी का मतवाला हूँ।

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5 APR 2021 AT 14:51

बस दिल ही जानता है दिल्लगी के फ़साने,
दिल लगाए हो गए कई जमाने।
दिल वालों के दिल का करार लूट गया,
दिलजले दिल तो हुवे अब पुराने।।

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17 FEB 2018 AT 0:48

Eshara adhure khuabo ki taraf nhi, adhure chahto ki oor tha...
Oo chahte jinko zindgi me chaha, par paa na sake...
Oo chahte jinko zindgi me paya, par chah na sake...

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12 JAN 2018 AT 7:29

My heart knows U will return fine.
time doesnt matter..u will be mine

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26 JUL 2021 AT 18:08

त्रिपुंड तिलक भाल पर, धारण गले मे शेषनाग
शक्ति स्वयं विराजती, है जिनके वाम भाग

अस्त्र शस्त्र त्रिशूल है, जग चरणों की धूल है
कैलाश ही निवास है,भोला भक्तों की आश है

स्वयं जो महाकाल है, वस्त्र व्याघ्र छाल है
त्रिदेवों में एक देव है, शिव मेरे महादेव है

जो सृष्टि संघारक है, संसार के संचालक है
है रुद्र ही जगतपिता,भक्तों के उद्धारक है

नीलकंठ ही नटराज है, बिल्व पत्र ही साज है
शशि स्वयं ही ताज है,भोला भक्तों की लाज है

भूत, प्रेत, नन्दी साथ है, मेरे प्रभु ही भूतनाथ है
त्रयंबकेश्वर नागनाथ है,सदा भक्तों के साथ है

उत्तर में केदारनाथ है, काशी में विश्वनाथ है
द्वारका में नागेश्वर है, देवघर में वैद्यनाथ है

ॐ ही शिव नाद है, ॐ ही संवाद है
ॐ ही ब्रह्मांड है, ॐ ही प्रसाद है।।

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18 JUN 2021 AT 19:05

मर्दानी थी झांसी की रानी, अंग्रेजों से जो हार न मानी।
लड़ते-लड़ते ही विदा हुई, लिख गयी वीरता की कहानी।

मनु का नाम बचपन में आया, अस्त्र-शस्त्र ही जिनकों भाया।
आयी छबीली जब झाँसी को, लक्ष्मीबाई का नाम भी छाया।

गंगाधर पहुँचे वीरलोक जब, 'झांसी' ने अपनी रानी पाया।
दामोदर था पृष्ठ भाग पर, स्वयं थी माँ दुर्गा की काया।

"मैं अपनी झांसी नही दूंगी" था विशेष यह रानी का नारा ।
झुका न सकी कोई ताकत, ब्रितानियों को चुन-चुन मारा।

रणभूमि को फिर लाल किया, मर्दानी ने ऐसा कमाल किया।
छक्के छुट गए दुश्मन के, ऐसा उनका बुरा हाल किया।

वीरगति मिली मणिकर्णिका को, ब्रितानी सेना ने भी लोहा माना।
ब्रितानी जनरल ह्यूरोज ने भी, नारी शक्ति का मर्म तब जाना।

नारी वीरता की गाथा का जब, इतिहास में अमर बखान सुना।
कलम डोल गई ख़ुद ब ख़ुद ही, 'झांसी की रानी' जब नाम सुना।।

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14 APR 2021 AT 12:13

ये मेरा जो संविधान है,
अनेक समस्याओं का समाधान है,
समाज के लिए वरदान है,
जनता की समस्या के लिए कृपाण है।
ये मेरा जो संविधान है।।

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