शर्त एक ही है सच कहना चाहें हजारों अरमान देना पूरा करो तभी मेरे मरे ख्याबों को फिर से जान देना मेरे लफ़्ज़ों को इल्म नहीं एहसास वयां करने का मेरी बातों से ज्यादा तुम मेरी आंखों पर ध्यान देना पानी हूं समझो तो एक बूंद काफी वरना समन्दर बेकार है कहता हूं अजनबी हूं और अजनबी को क्या पहचान लेना महसूस करो तो ठीक जानना है तो टहल कर चले जाना ऐसे ही आने जाने वालों को क्या दिल में मकान देना
'शर्त ए इश्क' हर दिन बात हो ये ज़रूरी तो नहीं लेकिन शर्त ये है कि जब भी बात हो ऐसे हो कि जैसे पहली बार हो. हरदम साथ रहेंगे ये तो पक्का नही है यार मेरे लेकिन शर्त ये है कि जब भी मिले ऐसे मिलना कि कभी बिछड़े न हो. हमसफ़र बनेंगे कि नही ये तो रब जाने लेकिन शर्त ये है कि सोलमेट्स आज भी है और कल के बाद आने वाले कल में रहेंगे जो भी हो रिश्ता बस वहीं हो. जिस्म किसका किसको मिलेगा किसने देखा है लेकिन शर्त ये है कि रूह एक दूसरे का था है और सारी जिंदगी रहेगा इस पर और किसी का हक़ नही हो सकता हमारा भी नहीं मुलाकात का तो पता नहीं है कि फिर कब हो लेकिन शर्त ये है कि जब भी याद करो तो ऐसे करो कि एक साथ होने वाली एक पल में फकत एहसास ए हालात हो.
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