बात जो भी थी, वो न कह सका,
आज भी मेरे दिल में है वफ़ा।
चाॅंद मेरा तू ,चाॅंदनी हूॅं मैं,
हूॅं अलग कहाॅं, तुमसे मैं बता।
खोया हूॅं कहीं, ढूॅंढ लेना तू,
तेरे दिल में ही मेरा है पता।
मंज़िलें मेरी रूठी ही रही,
मैं सफ़र में यूॅं तन्हा ही चला।
बाग़ फूलों के सब बिखर गए
जिसको खिलना था, वो भी ना खिला।
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