QUOTES ON #SEPRATION

#sepration quotes

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25 JUN 2020 AT 12:52

Ek shaam intezar mai dhal rahi hai
Sunsan gali si tere jane ke baad.
Us Ped ki chaanv mai panchi nahi baithe
Wo jagah phir, kabhi tere jaane ke baad.
Bahane bana bana to chal diye tum
Us ghaat pe ab bhi baitha hun akele
Ek cigrattee jalaye tere jane ke baad.
Phir bewaqt tere khwaab ne jagaya hai
Soye hai magar nind nahi tere jane ke baad.
Ghar ka pata ab bhi wahi hai janta hun
Guzare hue udhar se arsa hua tere jane ke baad.
Number tera ab bhi jubaan pe rehta hai mere
Lagaya hi nahi gaya kabhi tere jane ke baad.
Mehifile ,meh mai aadtan bure hi bane
Pathar hi ho gaye hum tere jane ke baad.
Yun to kai log hai yanha, pyaar liye magar
Kisi ne apnaya nahi phir tere jane ke baad.
Yadien itni hai ki umar kat jayegi magar
Hijr e daur katati hi nahi tere jane ke baad.

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जीवन हो गया स्वाहा!

हद से ज्यादा सोचा उसको, हद से ज्यादा चाहा !
हो गया मेरा हरा-भरा जीवन, उसके प्यार में स्वाहा!!

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6 APR 2021 AT 19:20

ग़म-ए-हयात का मारा हूँ, मुमकिन है शब-ओ-रोज़ मेरा तड़प-तड़प के मर जाना,
निगार-ए-शब में जो भी मिला,कर लेता हूँ एकतरफा इश्क़,है मुझे ग़म-ए-जानाँ ।।







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12 JAN 2021 AT 23:50

मैं था, तुम थी, तनहाई थी
जाने वो वस्ल था, जुदाई थी?

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27 AUG 2021 AT 14:30

दिल में तेरे अगर कोई मयखाना होता
तो मेरा वहां रोज़ का आना जाना होता

फिर गश्त लगाता तेरी गलियों से रोज़
घर में कुछ कहता फिर कोई बहाना होता

दर-दर जा कर, दिल को सुकून तलाशता
आखिर, जो तेरी ही बाहों में आना होता

तेरी आँखो से मुहोब्बत के जाम लगाता
जाम तेरी आंखों का लगाकर शर्माना होता

सब हमें निगाह-ए-आशिक़ी से देखते
ना कुछ नया होता, ना कोई पुराना होता

अद्विक, सफहों पर टूटे मानी रख लेता हूं
जाने कब फिर लिखने का जमाना होता

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27 JUN 2020 AT 20:01

Someone asked me why you were separated......?
Me :
उसे गुलज़ार की शायरी पसंद थी,
मैं ग़ालिब की गजल लिख लाया था |

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23 JUN 2021 AT 12:19

मोहब्बत बरसती है जब तुम हंसते हो
मेरी धड़कनों में अब बस तुम ही तुम बसते हो

वक्त थम जाता है जब तुम मेरे संग चलते हो
इसी बेकरारी में घड़ी की सुईयां रहती हैं कि ये दूरियां मिटे किसी रोज

फिजाएं झूम उठती है जब तुम कुछ कहते हो
तुम्हारी मोहब्बत का पैगाम लिए मुझसे लिपटे ये हर रोज

आईने भी छुपा-छुपा रहता है,की ना कोई देख ले इस दिल का चोर
बेख्याली में भी हम घबराए फिरते हैं, चारों तरफ जब तुम दिखते हो हर रोज

हर लम्हा इंतजार करता है ये इज़हार-ए-इश्क होये किसी रोज
आफताब भी चाहता है की वो चांदनी मिले उसे हर रोज

Deepti

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27 SEP 2021 AT 12:53

Shivaa

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12 DEC 2021 AT 17:54

सूरत-ए-आलम कभी तो ऐसा रहा होगा
दर्द लिया होगा, किसीको दर्द दिया होगा

सब ही तो वफा नहीं किया करते जहां में
किसी ने तो फकत बदला भी लिया होगा

तुम ने किसी को दिल ना दिया तो क्या
किसी ने तो तुम को तो दिल दिया होगा

मैं तो हूं ही फरेबी सो अकेला हूं अबतक
भला मुझसे इश्क किसने किया होगा

तुम खुद देख लो कि क्या हालात है मेरे
मेरे कर्मों ने शायद कुछ तो किया होगा

तुम सबब नहीं हो मेरे ऐसा होने में यारा
खुदा की नजरों का मुझपे रहम रहा होगा

"बेखबर" था मैं तेरे उन लम्हों से पागल
तुम्हें कहां खबर थी कि मेरा क्या होगा

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17 AUG 2019 AT 23:04

है दुनिया मैं कितना कुछ प्यार करने को
तुमको ईससे क्या तुम नफरतों मे जिए जा रहे हो
है ख़ुशी के कितने फ़साने तुम्हारे आस पास
तुमको इससे क्या तुम दर्द के घूँट पिए जा रहे हो
है कितने लोग बाहें फैलाये तुम्हारे लिए
तुमको इससे क्या तुम खुद ही मे कैद होकर रह गये
सब रंग लिए खड़े है तुम्हारे लिए
तुमको इससे क्या तुम सफ़ेद होकर रह गये
माना की मुँह मोड़ लिया है हमसे
तुमको इससे क्या की क्या हमारा हाल है
हो बेपरवाह तुम और हो बेखबर
तुमको इससे क्या पर हमें आज भी तुम्हारा ख्याल है

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