मोहब्बत का नाम वो देगा,
क़रीब तेरे आयेगा,
दिल नही देखेगा तेरा,
सुन्दरता को चाहेगा।।
हर रोज़ तेरी तरफ़,
वो एक कदम बढ़ाएगा,
रूह नही चाहत उसकी,
तेरे ज़िस्म को चाहेगा।।
फ़िर एक रोज़ जब ,
इस मक़सद मे कामयाब हो जाएगा,
ज़िस्म को नोच तेरे,
दूजे शिकार को निकल जाएगा।।
अब इस हवस और इश्क़ मे,
अन्तर तुझे करना हैं,
श्री कृष्ण नही आएंगे हर बार,
अब दुर्गा तुझे बनना हैं।।
-Sameri ✍
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