मिला वो भी नहीं करते और मिला हम भी नहीं करते,
वफ़ा वो भी नहीं करते, दगा हम भी नहीं करते।
उन्हें रुसवाई के दुख है और हमें तन्हाई का,
गिला वो भी नहीं करते, शिकवा हम भी नहीं करते।
किसी मोड़ पर मुलाकात हो भी जाती अगर,
रुका वो भी नहीं करते, ठहरा हम भी नहीं करते।
जब भी देखते है उन्हें तो सोचते है कुछ कहे उन्हें,
सुना वो भी नहीं करते, कहा हम भी नहीं करते।
लेकिन यह भी हकीकत है कि उन्हें हमसे मोहब्बत है,
मना वो भी नहीं करते, मना हम भी नहीं करते।
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