QUOTES ON #SCRAPPYTHOUGHTS

#scrappythoughts quotes

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19 JUL 2018 AT 22:11

कुछ लोग राह में ऐसे मिले जो मुझे अपना बना गए।
कुछ अपने ऐसे मिले जो गैर होने का मतलब बता गए।
दोनों का शुक्रिया..
दोनो मुझे ज़िन्दगी जीना सिखा गए।।

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4 JUL 2018 AT 21:35

कर्म ही तकदीर का लेख है, वही मौत का सैलाब।
इससे ही ज़िन्दगी में नूर है, कभी धूप कभी छाओं।।

कर्म करना ही बंदगी हो, इसे आज़माने की न हो चाह।
इससे ही मुकम्मल मेरी ज़िंदगी हो,
नहीं हो किसी की आस।।

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11 JUL 2018 AT 21:28

मैं खुशनसीब हूँ, जो पग हैं मेरे,
असम उनके, जो अपंग हैं।
जिन्हें कहीं जाने से पहले सोचना पड़ता,
जिन्हें सदैव ख़ुद से ये बोलना पड़ता।
मैं ऐसा ही हूँ, इसी जीवन से मेरा नाता है।
यही मेरा भाग्य है, जो सदैव सर्वोत्तम है।
मैं खुशनसीब हूँ, जो पग हैं मेरे।।

दिनभर की महामारी में,
अपने आप को मोड़ता-मढो़ड़ता चलता हूँ मैं।
प्यास लगे तो चाहत को अपनी दबोचता हूँ मैं।
सर्द-गर्म में भी पेट अपना और परिवार का भरता हूँ मैं।
चार कदम चलने पर बार-बार आँहें लेता हूँ मैं।
चोंट लगने पर ख़ुद से ही खड़ा होता हूँ मैं।।
तू खुशनसीब है, जो पग हैं तेरे।।

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28 JUN 2018 AT 20:52

बहुत मुश्किल होता है इंसां को परखना।
जैसे कहर बरसना हो सागर का।।
कटु ज़ुबां फिर भी सच्चाई का प्रमाण है।
मीठी बातें तो अक्सर दर्द का पैमान होतीं हैं।।

नष्ट हो जाए वो जीवन,
जिसका राग कड़वाहट है।
फूल की तरह खिले वो जीवन,
जिसका नाम खुशहाली है।।

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26 JUN 2018 AT 19:20

कभी-कभी मैं सोचती हूँ, मुझमे ही है कमी कोई।
हर-पल न चाहते हुए भी, खाती हूँ ठोकर सभी।।
जाने-अनजाने ही, मिलती हूँ ख़ुद-से कभी।
अपरिचित-सी आहट मेरी, लगती है दर्पण कोई।।

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16 MAY 2018 AT 23:31

किस कदर खूब है, दिल्लगी आपकी आज भी दिल में है दोस्ती आपकी जब भी फुरसत के लम्हे हमे है मिले दिल ने महसूस की है कमी आपकी!

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1 SEP 2018 AT 18:47

सूर्य उदय होता है और ढलता है।
पर असल ये सूर्य नहीं, धरा है।।
वैसे ही ज़िन्दगी में लोग आते हैं और जाते हैं।
पर असल ये लोग नहीं, हम ख़ुद हैं।।
ये धरती है जो मेहनत कर प्रकाश का परिग्रह करती है,
हमे उजाले का संसार देती है।
इसी तरह इंसान धरा-रूप है,
जो लोगों के इर्द-गिर्द विचरण करता है,
उजाला-रूपी प्रेम को ग्रहण करता है,
और अन्धकार-रूपी विष का त्याग करता है।।
अतः मानव का अहम उसी के कारण है और उसी के लिए।।

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3 JUL 2018 AT 18:32

सोचती हूँ जब परम्परा के विषय में, लगाती हूँ मैं इसका हिसाब।
तौलती हूँ जब इसके मायने, सहलाती हूँ तब मैं इसके ख़्वाब।।

है ये बुलंद, आशियाना बनाने की हिम्मत रखने वाला।
इसका दीदार ही है घर का रखवाला।।
चलती है हस्ती इसके मुकम्मल होने से।
वीरान है दुनिया इससे वंचित रहने से।।

बनी परम्परा गृहस्थ ख़ुशी के लिए, रखा सराखों पर सभी ने इसे।
खोना-पाना और सब काम, बिगड़े-सुधरे अब इसके हाथ।।
रोना-गाना और चिल्लाना, हो गई है ये पुरानी बात।
मुश्किल, प्रेम, लड़ाई और झगड़े, किए हैं सबने इसे बदनाम।।

सुनो-सुनो भई बात पते की, ख़ुशहाली सर्वोत्तम है।
इसके आगे-पीछे ही, चलना इस परम्परा को है।।

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19 JUN 2018 AT 0:27

जीवन है जो किसानों का पेट भर्ती है।
लहर है जो होंठों पे मुस्कान लाती है।।
चादर है जो आँसुयों को छुपा कर रखती है।
समां है जो प्रेम को महफूज़ रखती है।।
धागा है जो वस्त्र की शोभा बनाए रखता है।
वस्त्र है जो मानव का मान बनाए रखता है।।

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15 AUG 2018 AT 16:50

आज़ादी का मतलब...
उदय होना है उसी सूर्य की तरह,
जो दूसरों के आशियाने में प्रकाश फैलाता है।
जलना है मोम की तरह,
जो ख़ुद मरते हुए दूसरों का रास्ता रौशन करता है।
खिलना है उन फूलों की तरह,
जो जीते हुए दूसरों को ख़ुशी का पान कराते है।
बढ़ना है पेड़ की तरह,
जो दूसरों को छत और छाया का मकान दे।

आज़ादी का मतलब...
सैनिकों के लिए है,
देश वासियों के लिए अपनी जान समर्पित।
और हमारे लिए है,
दूसरों की सेवा के लिए अपना समय समर्पित।

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