तू इत्र है , तू सर्वत्र है ।
तू गुरूर है , तू गिरने को भी स्वतंत्र है ।।
तू राज है , तू जंगल की आग है ।
तू लक्ष्य है , तू राह है ।।
तू मधुर गीत है , तू उन्माद है ।
तू सूरज की आग है ,
तू चाँद की शीतल प्रकाश है ।।
तू लिबास है , तू हृदय की गहराई में बसा भाव है।
तू नोक-झोक है , तू हँसी की बौछार है ।।
तू पूरी जज़्बात है , तू अधूरी ख्वाव है ।
तू इश्क है , तू लाल 💝 है ।।
-