पहाड़ों पर बिछी बर्फ
सफ़ेद चादरों सी
कभी बच्चों सी
इस पर चहलकदमी करू
पहाड़ों की ऊंचाई पर
पर खड़े होकर आवाज़ लगाऊ
पहाड़ों को बताऊ
देखो तुमसे मिलने आई हू
पहाड़ के बीच
ढलते सूरज
उगते सूरज को
मुट्ठी मे भर लु
पहाड़ पर खड़े
उन देवदार , चीर के वृक्ष
को गले लगाऊ
झूला झुलू
पहाड़ों को घेरे बादलो
की ठंडक को महसूस करू
ओर कहु देख
तेरी दीवानी हूँ मैं
घरवालो को बड़ी मुश्किल
से राजी कर तुझे से मिलने आई हु
ऐतबार कर मेरा
एक अच्छी ओर सच्ची पर्यटक वाले
सारे फर्ज निभाऊगी
ऐतबार कर मेरा
साथ मे प्लास्टिक न लाऊगी
ऐतबार कर मेरा
बिल्कुल गंदगी न फैलाऊगी
बेबफा बन कर न ज़ाऊगी
तेरे साथ सारे वफा निभाऊगी
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