QUOTES ON #SAVEFORESTS

#saveforests quotes

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10 JUL 2020 AT 8:07

परिंदों ने शोर यूं बेवजह नहीं मचाया होगा,
जरूर जहर-ए-तरक्की लिए जंगल में किसी ने कदम बढ़ाया होगा।

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26 SEP 2020 AT 17:02

"शेर की दहाड़" से नहीं डरते ये जंगल,
आरे की धार से डरते है ये जंगल.

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6 JUN 2020 AT 11:21

Save the Forest,
Save the mankind from becoming the Rarest.

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24 APR 2022 AT 12:35

प्रथ्वी मनुष्यो की ही नही जीव जन्तुओं की भी है।।

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1 FEB 2020 AT 15:45

लंबे समय बाद नंदनकानन पार्क दोबारा गया था मैं , 
इस बार जंगल के कई हिस्से को छतिग्रस्त पाया मैंने
पिछले बार की अपेक्षा कम वन्य जीवों को देखा मैंने ,
संख्या में हो रही तेजी से कमी महसूस की आज मैंने ,
वन्य जीवों की कमी है धरती के ख़तरे की  निशानी ,
इसके बचाव के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए हमें !!
🦁🐯🐅🐆🐶🦍🐒🐺🦌🐘🦏🐻🐫🦆🦅

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1 JUL 2021 AT 11:31

हरियाली है परिधान धरा का
वृक्ष,वन श्रृंगार धरा का
लाखो जीव बसेरा करते
वायुप्राण से हमको भरते
आओ
हरित परिधान से धरा को सजाए
मिलकर सब वनमहोत्सव मनाए

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सूनी शाख़ें, जर्जर बदन, बदहाल बिछौना,
कोई 'अलामत-ए-ज़िंदा-शजर' नहीं बाकी;

दे सके जो सुकूँ, रूह को जो छाँव देता हो,
किसी जानिब कोई ऐसा शहर नहीं बाकी।

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दहशत में हैं परिंदे
जंगल में आग देखकर
शायद चुनाव गुजरा है
इसी रास्ते से होकर
सजदे में है कोई
कोई स्यापा कर रहा है
किसी को मिली है रोशनी
किसी का घर जलाकर...।

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28 AUG 2022 AT 13:00

एक डाल पर पांच चिड़िया
दो को शिकारी ने मार दिया
बताओ कितनी चिड़िया बची?

बच्चे ने कहा
तीन चिड़िया

एक डाल पर तीन चिड़िया
तीनों को शिकारी ने मार दिया
अब बताओ कितनी चिड़िया बची?

बच्चा इस बार ख़ामोश था
थोड़ी देर चुप रहने के बाद
उसने बोला

एक भी नहीं
और,
अब हम भी नहीं बचेंगे

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11 DEC 2019 AT 7:40

मैं हूँ बहती हवा, मैं हूँ फिज़ा, मैं हूँ बसंत-बहार
देखना हो जो मुझे,तो प्रकृति को ही बस निहार

मैं हूँ, वो अनंतकाल से लहराता अथाह सागर
मैं सिमटा धरा पर,रहा पीने को बस कुछ गागर

मैं हूँ पर्वतराज, मैं हूँ बर्फ़ानी, मैं हूँ सदियों से गिर
मैं हूँ उसके बदन से अनवरत कलकल बहता नीर

मैं हूँ हरा-भरा मैदान, मैं हूँ मरू जो हैं धीर-गम्भीर
मैं हूँ बारिश की सोंधी मिट्टी, मैं उसमें खिंची लकीर

मैं हूँ कानन, मैं हूँ पेड़, मैं हूँ पुष्प, मैं रहूँगा सदा चिर
मैं हूँ उनमें बसा जीवन, मैं हूँ तो वन्यजीवों का शरीर

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