मोहब्बत है मोहब्बत ये सौदा तो नहीं है,
तू भी हमको ही चाहे ये भी इरादा तो नहीं है।
कुछ ख़्वाब हैं जो बुन रही है नज़र,
इन ख्वाबों में कहीं चेहरा तेरा तो नहीं है।
एक उम्मीद पर जिंदगी बिता देते हैं लोग,
उसी एक उम्मीद पे दिल कहीं ठहरा तो नहीं है।
आरज़ू तो यही है आजसे बेहतर हो ये कल,
पर आने वाले कल से ये कोई वादा तो नहीं है।
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