तुम्हें कुछ सच बतायेंगे नहीं,
अपनी चाहत में रुलायेंगे नहीं।
इश्क़ हो या हो मुहब्बत तुमसे,
दिल कभी तुमसे बहलायेंगे नहीं
बेबस हम हद से ज्यादा भी हो,
तुमको इन बातों से सतायेंगे नहीं।
दिल के दर्द को हम ही झेलेंगे तन्हा,
इस दर्द में तुमको साथी बनाएंगे नहीं।
इश्क़ किया, आँखों को मूंद लिया मैंने,
तस्वीर तुम्हारी किसी को दिखाएंगे नहीं...
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