पिछला चुनाव जीतने के बाद सरपंच मेरे घर आए मुझे लगा हमारी समस्या सुनने को आए शोर सुना नारो का तो लगा चुनाव फिर लौट आए पिछली बार आए थे किसी की जीप में चढ़कर, इस बार तो खुद की स्कॉर्पियो ले आए ।।
आज के युग में हर कार्यकर्ता को अपनी शक्तियाँ तो अच्छी तरह याद रहती हैं और उनका उपयोग भी करते हैं लेकिन अपने कार्यों और कर्तव्यों का ज्ञान नहीं होता हैं।
सरपंच की स्थिति प्राचीनकाल से लेकर वर्तमान तक बिल्कुल नहीं बदली हैं, आज भी सरपंच को उतनी ही शक्तियाँ प्राप्त होती हैं जितनी पहले होती थी यहाँ तक कि वह न्याय भी कर सकता हैं।
आज री टेम ने देखता थका मिनखा मे राम रहयो हि कोनी पुरानी बातां याद करु तो म्हारी छाती भर आवे सरपंचा रे चुनाव रे 3 दिन पहली गांव रा बढेरा गांव री गवाड में गट्टा माथे हथाई करता बता देवता हा कि जीत किरी होई पण आज रे मिनखा ने देखता मिनखी चारो खत्म वे गयो
दो सब ने ले डूबी
में तो आपरा हि हा सा .... बोट तो आता जाता रेई....
एक बात सांची भी निकळे है
बोट तो देवणा रा हि होवे सा घरे थोडी पडया राखिजे सा