सपनों की पोटली में कैद कुछ सपने किये
मैं चला जा रहा हूं, चला जा रहा हूं
ईन सपनों को पाने की राह है लंबी
इस राह में कुछ सपने बढाता , कुछ कम करता चला जा रहा हूं, जा रहा हूं
पाने हैं सपने तो कुर्बानियां भी देनी होंगी
जब जिस मोड़ पर मांगे जिंदगी, तब कुर्बानियां देता चला जा रहा हूं, जा रहा हूं
अब तो पाने की ज़िद है इन्हे, सर पे जुनून सवार है
इस जुनून की गाड़ी पे हुआ स्वर, मिलो चल लिया हू और मिलो चला जा रहा हू, जा रहा हू
ईस सपनों की पोटली में कैद हर सपने को सच करने मैं आ रहा हूं, आ रहा हूं
-