Abhishek Nagpal 16 JAN 2019 AT 10:23 कभी जो हालत-ए-दिल बयां कर, खुद के हालात को रोता था;आज वो जग से मिली अमीरी देख, इस खुदा को गरीबी दिखाता है। - Ritesh Verma 10 JUN 2020 AT 21:13 तुझ से मिलने को आएं थे हम वेहश्त मेंघड़ियाँ थी मगर वक़्त नहीं था किस्मत में - Ritesh Verma 19 MAY 2020 AT 10:39 नहीं लिखना तुम अब कुछ भी रहो खामोशबला ए हुस्न भी जा चुकी रहो खामोश - Amit Raj 22 DEC 2018 AT 18:59 कलम में रख जबान अपनी राज सबके खोलते हैं मौत का है डर नहीं शायर हैं हम हमारे बाद शब्द हमारे बोलते हैं l - Mr R.P. 20 NOV 2020 AT 23:45 एक ख़्वाब देखा है छोटा सा... क्या लगता है साहब पूरा होगा..🙏 - कवि मुकेश कुमार 19 SEP 2019 AT 20:22 तेरे होठों में सहवा है भले तेरा हुस्न है जहराब मैं तिश्नगी से मुज्तरिब हूंमुझे डूब जाने दे मेरे मेहताब - कवि मुकेश कुमार 11 NOV 2019 AT 19:12 मयकश जब करके बैठा है हर तौबा मयकदे सेलबों पर सहवा लेकर तुम क्यों खानाखराब आए ~mukesh -