एक प्यारी प्रेम कहाणी....
आपकी नजरों की आहट महसूस हूई....
आपके लबों पर चाहत महसूस हूई....
उस दिन जो ऑंख लडी है आपसे....
दिदारे मोहब्बत महसूस हूई....
धीरे धीरे अहसास यकीन मे तब्दील हूआ....
अनचाहा अंधेरा भी महफील मे तब्दील हूआ....
जो खूद ही मे गूम हुआ करता था हमेशा....
वो मेरी रूह का कतरा कतरा ना जाने कब आपमे तब्दील हुआ....
दील मे पल रही एक अजब सी बेचैनी थी....
आशीक दील की हर एक बात आपसे रूबरू जो करनी थी....
प्यार का वो अजब सा खूमार तो देखीए....
लफ्जों की कमी अब हमे ईशारों से ही भरनी थी....
इस नादान दील को आपसे इकरार हूआ....
ऑंखों ही ऑंखों मे इजहार हूआ....
आपकी उस शर्माती हुंकार से ,
दुबारा आपकी अदाओं से हमे प्यार हूआ....
अब तो मै खूदही की फीजाओं मे खोने लगा हूॅं....
क्योंकी उन फीजाओं मे अब तूम रहती हो....
प्रेम की परिशुद्धता का अर्थ समझ आता है मूझे ,
'आप से तूम' तक का सफर याद कर , जब भी तूम हसती हो....
🌹 राधे राधे 🌹
#RK
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